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२९ राज्यलक्ष्मियेनिसिद
जैन शिलालेख संग्रह
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चन्द्रपुरवेम्ब पट्टणदोलु राज्यं गेय्युव
कालदोल भ सुगलिगे पट्टवर्धनबाहत्तर नियो
३० गिगल जिनसेन्यनुं त्रिशक्तिबलयुतनुं षड्गुणसमर्थनुं राजक्षत्रियचतुर्दन्त सोमेश्वरदण्डनायक
३१ न अन्वयद कीर्तियेन्तेन्दोडे श्रीसोमदण्डपुत्रनु भासुर कामण्णदण्डनायकनेनिपं सासनचक्र
३२ वर्ति धर्मधारक सामन्तं कीर्तिवेत्तनमलचरित्रं श्रीमत्सोमदण्डनायकेंगे कामार्थ तावु पुट्टिदर् श्रीमद्रामणनेम्ब हेगडेयदशरथसामध्ये दियपराजिता
३३ सुवेम्बीपुत्रसंसेव्यकं रामं पुहिद
रमणिगं साहित्यरत्नाकरमन्ता
३४ रामणनेम्ब हेग्गड रामकेंगे तां पुहिदं शान्तं योजजनम्बिपुत्रनेनिस कुन्तीदेवि समन्तु
३५ श्रापाण्डुराजंगे तां शान्तं धर्मजनेन्तु पुट्टिद बोला सम्यक्त्वरत्नाकरमन्ता योजणसेट्टिय जननि रामकनन्वयमेतेन्दोडे
३६ वसुधेयोलु ने गलते असमैश्वर्यसम्पत्वरुं दानगुणसम्पतरुमप्प नम्बसेर तम्मसेहिसहोदररेनिसिद म
३७ लिसेट्टि होनपसेट्टि गुणाभ्यरुं जैनजनबान्धवरुं श्रा सेहरोळगे महाधननेनिसिद मा होनपसेहि
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'शककाल साविरद मुन्नूर"
( अवशिष्ट ६ पंक्तियां पढ़ी नहीं जा सकतीं 1 )
भूपालके शासनकालमे चन्द्रपुर मे दो मन्त्री सोमण दण्डनायक और रामण्ण था जिसकी पत्नी रामक्क
[ यह लेख शक १३०० मे लिखा गया था । गेरसोप्पेके राजा हैवेय बसवदेवरस शासन कर रहे थे । उनके कामण्ण दण्डनायक थे । सोमण्णका पुत्र थी। उनके पुत्रका नाम योजणसेट्टि