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२७८
जैनशिलालेख संग्रह
३६२
कुमठ ( उत्तर कनडा, मैसूर )
शक १२६६= सन् १३४४, कार
[ इस लेखमें मूलसंघ, देसियगणके विशालकीर्ति राउलके अग्रशिष्य नागचन्द्रदेव के समाधिमरणका उल्लेख है । तिथि श्रावण व० ११, रविवार, शक १२६६, सुभानु संवत्सर ऐसी दी है । ]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० २३९ पृ० २७ ]
३६३
रायद्ग (बेल्लारी, मैसूर )
शक १२७७ = सन् १३५५, कन्नड-संस्कृत
[ ३९२
तालुक ऑफ़िसमे रखो हुई मूर्तिके पादपीठ पर
[ विजयनगर के राजा हरिहरके समय शक १२७७, मन्मथ संवत्सर मे यह लेख लिखा गया । कुन्दकुन्दान्वय, सरस्वतीगच्छ, बलात्कारगण, मूलसंघ के अमरकीति आचार्यके शिष्य माघनन्दि व्रतीके शिष्य भोगराजद्वारा शान्तिनाथको मूर्तिकी स्थापनाका इसमें निर्देश है । ]
[ इ० म० बेल्लारी ४५८ ] [रि० स० ए० १९१३ - १४ क्र० १११ पृ० १२ ]
३६४
होसाल (द० कनडा, मैसूर )
शक १२७६ == सन् १३५७, कन्नड
[ यह लेख स्थानीय बुक्कण्ण महाराय के जैन शक १२७९ विलम्बि
भग्न जिनमन्दिरमे है । इसमे विजयनगर के राजा सेनापति बैचय दण्डनायकका उल्लेख है । तिथि संवत्सर ऐसी दी है । ]
[रि० स० ए० १९३१-३२ क्र० २८४ पृ० ३१ ]