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-३०८] अम्मिनमावि भादिके लेख
२२९ ३०४ अम्मिनभावि ( धारवाड, मैसूर ) [ यह लेख वर्धमानमूतिके पादपीठपर है। बहुत अस्पष्ट हुआ है। लिपि १२वीं सदीकी है।]
[ रि० इ० ए० १९५२-५३ क्र० ७० पृ० ३४ ]
३०५-६
मण्दूर ( धारवाड, मैसूर) [ यहाँ १२वीं सदोकी लिपिमें दो लेख हैं जो जैनोंसे सम्बन्धित प्रतीत होते हैं।
[रि० इ० ए० १९५२-५३ क्र० ९४-९५ पृ० ३६ ]
३०७
सालिग्राम ( मैसूर )
कन्नड. १२वीं सदी [ यह लेख अनन्तनाथकी मूर्तिके पीठपर है । मूलसंघ-बलात्कारगणके माघनन्दि सिद्धान्तचक्रवतिके शिष्य शम्बुदेवकी पत्नी बोम्मन्वे-द्वारा अनन्तव्रतकी समाप्तिपर यह मूर्ति स्थापित की गयी थी। लिपि १२वीं सदी को है।
[ए० रि० मै० १९१३ पृ० ३६ ]
३०८ गोरूर ( हासन, मैसूर)
कमड, १२वीं सदी १ भो श्रीमतु परमगंमीरस्याद्वादामोघलांछन(1)जीयात् त्रैलोक्य
नाथस्य शासनं जिनशासन(३)