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जैनशिलालेख-संग्रह
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१८० कोप्पल ( रायचूर, मैसूर )
काड, 11वीं सदी [ यह लेख ११वीं सदीकी लिपिमे है। इसमें कोण्डकुन्द अन्वयके मलघारिदेव तथा अन्य आचार्यों का वर्णन है। एक गृहस्थ जैनका भी वर्णन है।
[रि० इ० ए० १९५५-५६ क्र० १९८ पृ० ३७ ]
मदविलगम् ( बेल्लारी, मैसूर )
काड, ११वीं सदी [ यह लेख ११वीं सदीकी लिपिमे है। किसी जैन मन्दिरके लिए दानशाला, उद्यान आदिकी व्यवस्थाका इसमें उल्लेख है। ]
[रि० सा० ए० १९२४-२५ क्र० ३९२ पृ० ५७ ]
१८२ बेलूर ( हासन, मैसूर)
११वीं सदी, कन्नड , "युतं जिनेंद्रप्रगुणि२ .."द दर्प "सले महे
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४ नेदिवं.... ५ पूर्वाकमन् एरुष""माणद"य ६ महीतलकति मुददि.. ७ क्लिोक बुध बोध"माग्य""