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चिकनसोगे आदि के लेख
१७७-१७८
चिक्कनसोगे ( मैसूर ) ड, ११वीं सदी
[ यह लेख आदिनाथमूर्तिके पादपीठपर है । इसमे हनसोगेके तीर्थबसदिकी स्थापना रामचन्द्र द्वारा की जानेका तथा कालान्तर में शक, नल, विक्रमादित्य, गंग एवं चंगाल्व राजाओं द्वारा उसकी सहायताका उल्लेख है । प्रस्तुत लेखके समय नागचन्द्रदेवके शिष्य समयाभरण भानुकीर्ति पण्डितदेवने इस बसदिका जीर्णोद्धार किया था । इसी पादपीठके दूसरे लेखमें जयकीर्ति भट्टारकके शिष्य बाहुबलिदेव द्वारा बसदिके निर्माणका उल्लेख है । इन लेखोंका समय ११वीं सदी प्रतीत होता है । ये आचार्य मूलसंघ सिगण - पुस्तकगच्छके प्रमुख थे । ]
[ ए०रि० मं० १९१३ पू० ५० ]
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चिकमगलूर (मैसूर) कन्नड, ११वीं सदी
१ स्वस्ति श्रीमतु बूचब्वे
२ गन्तियर सिष्य नेचटिम
३ ताय निलिधिगेय नि
४ लि... मज बरेद ॥
८
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[ यह निषिधि लेख बूचव्वेके समाधिमरणका शिष्य नेचतिमतायि-द्वारा स्थापित किया गया था । सदीकी प्रतीत होती है । ]
स्मारक है जो उसके इसकी लिपि ११वीं
[ ए०रि० मं० १९३२ पृ० १६२ ]