________________
मलेयूर (रु)के लेख
४५६ श्रीमतु राबधानी-विजयनगर-मुख्यवाद-समस्त-पट्टणाधीश्वर श्री-वीर-प्रताप-देवराय राज्यं गेयिजत्तमिर्प कालदलि सकवरुष १३४३ नेय सार्वरि-सं [4] सर. फाल्गुण-सु. ४ सो श्रीमत्-सेन-गणाग्रगण्यरु मुनिभद्र-स्वामिगळ्गे प्रिय-गुड हिरिय-आवलिय बोच-गोडन सुपुत्र मदुक गोडनु समाधि-विधियिं मुडिपि स्वर्गाप्तियादम् मङ्गळ महाश्री श्री यी-[क] म माडिदातमी-ऊर पूर्विक मदोजन मग बनदोजन ॥
[ लेखमें स्मारकका उल्लेख है । देव-रायका राज्यकाल है । ]
[ Ec, VIII, Sorab tl., No 118]
पहला लेख मलेयूर (रु);-संस्कृत तथा कार।
[शक १३४४१४२२ ई.] [ मलेयूरु (उय्यमबल्लि प्रदेश) में ग्राम-प्रवेशके एक पाषाणपर ] श्रीमत्परमगंभोरस्यावादामोघलाञ्छनम् ।
बीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शासनं जिनशासनम् ।। स्वस्ति श्री शक-वरुष १३४४ नेय शुभकृत्-संवत्सरद भावण-शुद्ध १५ ल्लु श्रीमद्राजाधिराज-राव-परमेश्वर श्रो-बीरदेव-राय-महारायर कुमार श्री-बोर-हरिहर. रायरु सोम-ग्रहणदल्लु कनकगिरिय श्रो-विनय-देवर श्री-कार्यक्के सल्जुब अङ्गरङ्ग-भोग मोदलाद देवता-विनियोगक्के मलेयूर चतुस्सीमेयोलगाद तोट तुडिके गद्दे वेद्दलु सुवर्णादाय होन्नु होम्बार सुङ्क तळवडिके ग्राम्मद मणय वोसगे मदुवे क्षौर डलपे सरदि निधि निक्षेप जल पाषाण अक्षीणि आगामि मुन्तागि ऐनु ळळन्या स्वाम्य सादाय-सहित आ-मालेयरु-ग्रामवन्नु धारा पूर्वकवाद शासन-दत्तवागि वासुदेवर-करें-गहे स्थान मान्यगळ होर्रातागि बिट्ट दत्ति (हमेशाकी तरह अन्तिम श्लोक)