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१09-11१.० ३८ (43
कियाँ)]
[शक ८९५-९७१०] [कहरमें, किलेके दरवाजे के एक सम्मपर ] (पश्चिममुख ) खस्ति श्री-कोण्डकुन्दान्वय देशिय-गण-मुख्यर देवेन्द्रसिद्धान्त-भटार-रवर पिरियशिष्यर चान्द्रायणदमटाररवर-शिष्यगुणचंद्र-भटारवर-शिष्यर् श्रीमदभयणन्दि-पण्डिस-देवर नाणब्बे-कन्तियर शिशिन्तियडियर-दोरपय्यन पिरियरसि पाम्बन्बे तले वरिदु मुवत-वरिसं तपं गेय्दग्दै नोन्तुच्छम-ठाणमेरिदबरेदोनवर मर्ग विडि.........
(उत्तरमुख) परसे महाप्रसाददोळोरेवकनिम्मडि-पोरनोल्दुतन्न् ।
अरसुममौल्य-वस्तुगळुमं कुड़े बूतुगनकनेन्दु विस् । तरिसे धरित्रि जीय बेसनेनेने सन्दिबु सन्दवल्लेविन्द । अरसु दलेन्दु पाम्बवेगळन्तु तपो-नियमस्तरादोर (आदोर) आर || स्वस्ति यम-नियम-खाध्याय-ध्यान-मोनानुष्ठान-परायणे( यणे )यरप्प श्री-पाम्बबेकन्तियरय्दं नोन्तुच्छम-हाण-मेरिदर। बरेदोनवर मगनईदभक्तम् ।
(दक्षिण मुख) [अपरका लोक, जो 'परसे' इत्यादिले शुरू होता है, यहाँ दुहराया गया है।