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* साधुवाद
जैन दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान् स्व० प० मिलाप चन्द्र जी कटारिया केकडी निवासी के विद्वत्ता पूर्ण लेख स्व० पं० कैलाश चन्द जी शास्त्री के सम्पादन मे जैन सन्देश को वर्षों पूर्व निरन्तर प्रकाशित करने का गौरव प्राप्त हुआ है कुछ लेख अन्यत्र भी छपे हैं उस समय इन लेखो की भारतीय विद्वत् स्तर पर काफी सराहना की गई, हमे हर्प है कि वर्षों बाद इन निबन्धो को संग्रहीत करके स्व० मिलाप चन्द्र जी कटारिया के सुयोग्य सुपुत्र प० श्री रतनलाल जी कटारिया के सहयोग से इस जैन निवन्ध रत्नावली भाग २ को प्रकाशित करने का सौभाग्य भारतवर्षीय दिगम्बर जैन सघ चौरासी मथुरा को हो रहा है । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन मे निम्न महानुभावो ओर ट्रस्ट की ओर से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ तदर्थं हार्दिक साधुवाद |
५०००) स्व० पूज्य श्री मिश्रीलाल जी कटारिया केकड़ी की पुण्य स्मृति मे बाबू श्रीपाल जो कटारिया [ फर्म किस्तूरमल जी मिश्रीलाल जी कटारिया केकड़ी ]
५०००) सिंघई श्री टोडरमल कन्हैया लाल दिगम्बर जैन पारमार्थिक ट्रस्ट कटनी [म० प्र० ]
तारा चन्द प्रेमी प्रधानमन्त्री