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[* जैन निबन्ध रत्नावली भाग २
ऊचाँई, चौडाई कितनी है। विदेह के प्रत्येक देश में चक्रवर्ती छहखडो का विजय करता है वे छह खण्ड वहा कैसे बनते है, इत्यादि विवरण लिखा जाना चाहिये था ।
जो भूले हमने यहा बताई हैं उनका सशोधन नक्शे मे जरूर सूचित किया जाना चाहिये । वर्ना गलत प्रचार होगा जो अच्छा नही है । हमारी राय मे नक्शे में जहा सकेतसूचिका और सबोधन शीर्षक के नीचे जो कुछ छपा है वे खास आवश्यक नहीं है उसके ऊपर ही सशोधनपत्र चिपका देने चाहिये।
__ आशा है भाई पन्नालाल जी साहब इस पर ध्यान देने की कृपा करेंगे।
नोट --वर्धमान प्रेस इलाहाबाद से प्रकाशित जम्बूद्वीप का नक्शा (मोटा ग्लेज कागज) काफी शुद्ध है त्रिलोकसारानुसार बिल्कुल सही है।