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प्रतिष्ठा तिलक के कर्ता नेमिचन्द्र का समय
प्रतिष्ठा तिलक के कर्ता नेमिचन्द्र हैं इन्होंने प्रतिष्ठातिलक से अपने वगका वर्णन उस प्रकार किया है
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वीरसेन, जिनमेन, वादी सिंह और वादिराज इनके वश मे हस्तिम गृहाश्रमी हये । इन हस्तिमल्ल के टूल में परवादिमन मुनि हये | और भी कई हैं जिन्होंने दीक्षा ने जैनमार्ग की प्रभावना की । उसी कुल में लोकपाल द्विज गृहस्थाचार्य हुये जो चोल राजा के माथ अपने वधुवर्ग को लेकर कर्नाट देश में आये । उनके समयनाय नाम का तार्किक पुत्र हुआ । समयनाथ के आदिमल्ल, आदिमत्ल के वितामणि चितामणि के अनतवीर्य अनतवीर्य के पार्श्वनाथ, पाश्र्वनाथ के आदिनाथ । आदिनाथ के वैदिकोदड | वैदिकोदड के ब्रह्मदेव और ब्रह्मदेव के देवेन्द्र नामक पुत्र हुआ जो सहिताशास्त्रो मे निपुण या देवेन्द्र की भाय का नाम आदिदेवी था। यह आदिदेवी की विजयपार्य और श्रीमती की पुत्री थी । इस आदिदेवी के चद्रपार्य ब्रह्मसूरि और पार्श्वनाथ ये तीन सगे भाई थे। उस दंपति ( देवेन्द्र - आदिदेवी ) के तीन पुत्र हुये - आदिनाथ, नेमिचन्द्र और विजयम | आदिनाथ जिन सहिताशास्त्रों का पारगामी हुआ। इसके त्रैलोक्यनाथ,