________________
मनिमय
विम. गृहस्प विद्वान, मल्लिनाषपुराण और (बंधक) निघंटु के
कर्ता। [टंक.] अभिनव माविसेन- तमिलनाड के जिजी तालुक में स्थित चित्तामूर के दिग. मठ
के भट्टारक, जिन्होंने १८६५ ई० में वहां के पारवनाथ जिनालय का विस्तार एवं नवीनीकरण किया था। [देसाई. ५१
जैविसं. iv. ५३२] अभिनवचन्द्र-कमर अन्य हमशास्त्र (अश्वपरीक्षा एवं चिकित्सा) के कर्ता ।
प्रसं. ५६] अभिनव भारुकीति- दे. चारुकीति । [मेज. २९९; देसाई. १८२] अभिनव देवराज- दे. विजयनगर नरेश देवराज द्वि. । अभिनव धर्मभूषण- दे. धर्मभूषण, न्यायदीपिका के कर्ता। अमिनब नेमिचन- दे: नेमिचन्द्र। अभिनव पम्प- होयसल नरेश बल्लाल प्र. (११०१-११०६ ई०) के राजकवि,
प्रसिव जैन कन्नड कवि एवं साहित्यकार, कन्नडी जैन रामायण
के कर्ता नागचन्द्र का अपरनाम-दे. पंप एवं नागचन्द्र । अभिनव पंडितदेव-दे. पंडितदेव। [मेज २९९, ३२६] अभिनव पांडयदेव- दे. पांड्यदेव । अभिनव रत्नकीति- दे. रत्नकोति, सूरतपट्ट के भट्टारक, ल. १६००ई० । ममिना बाविकीतिवेद- दे. वादिकोति। [मेज. ३५९] अभिनव विशालकीति- दे. विशालकीति। [मेजे. ३५९] अभिनव श्रुतमुनि- दे. श्रुतमुनि (१३६५ ई.), कन्नड जैन साहित्यकार ।
[टंक] अभिनव बेष्ठि-ती. महावीर कालीन राजगृह का एक अत्यन्त धनवान श्रावक,
महावीर का भक्त, उसका प्रतिद्वन्द्वी जीणंबेष्ठि था। [टक.] अमिनब समन्तमा- दे. समन्तभद्रा मेज. ३४]
-'अभिनव' विशेषण मूलनाम के द्वितीयादि परवर्ती व्यक्तियों के लिए बहुषा प्रयुक्त हुआ है, अतएव ऐसे अन्य भी समस्त उल्लेखों
' में उस व्यक्ति के मूल या प्रधान नाम के अन्तर्गत देखें। अभिमण्डल भटार-दे. अभिनन्दन भटार प्र. एवं द्वि.. ,
ऐतिहासिक व्यक्तिकोष