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किन्तु में सफल रहने से इन्हें गहरा भक्तक पहुंचा। ७४ वर्ष की आयु में दिल्ली में ७ व्यस्त, १९८६ को इन्होंने महाप्रयास किया । [ऋषम चरण की सच प्रकाशित पुस्तकें ].
धमदास मुस्तार--- स्वाध्याय प्रेमी सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सक्रिय रूचि रखने वाले, मूलतः सोमो के निवासी, जीवन का बहुभाग मेरठ नगर और सहारनपुर में व्यतीत करने वाले । मेरठ के बा० सालमन दास के भक्त अवस्त १९६५ में ९२ वर्ष
की
में निधन ।
वायु
वनवास का एक प्रख्यात समाजसेवी; सुलेखक; पत्रकार एवं राजनैतिक कार्यकर्ता | खानदेश (महाराष्ट्र) के ग्राम फतेपुर में ३ सितम्बर १९०३ को जन्म । फतेपुर, जामनेर, जलगांव, बर्षा, पूना और बम्बई इनकी कार्यस्थली रही । १४ वर्ष की आयु से पैतृक वस्त्र व्यवसाय में हाथ बटाना आरम्भ किया । कृषि और डेरी कार्य भी किया और तदनन्तर इंश्योरेन्स कम्पनी में उच्च पदों पर कार्य किया । महात्मा गांधी के साथ सावरमती आधन में रहकर कार्य किया। आचार्य विनोबा भावे, सेठ जमनालाल बजाज और श्री केदारनाथ के साथ मिलकर कार्य किया। सन् १९३१-३२ के 'नमक आयोजन वा सन्१९४२ के भारत फोटो मान्दोलन' में चाय लेने के कारण अनेक बार जेलयात्रा की । खादी और ग्रामोत्थान, हरिजन कल्याण, को संरक्षण, कस्तूरबा स्मारक बीर गांधी स्मारक के लिये कार्य किया । सन् १९४६ से भारत जैन महामण्डल में सक्रिय हुए और सन् १९४८ से मृत्युपर्यन्त उसके मासिक पत्र 'जैन जगत' का सफल सम्पादन करते रहे। सन् १९६८-७१ में कवित हारतीय अचूत धमिति के उपाध्यक्ष बीर उसके पाक्षिक 'अणुव्रत' के सम्पादक रहे। महावीर कल्याण केन्द्र की जोर से विकि राज्यों में सूबे और बाढ़ से क्षेत्रों का स्वयं दोरा कर प्रभावित व्यक्तियों को चाने की व्यवस्था की । [ प्रो. ., . ९५]
सामान तुरम्य पहुँ
ऐतिहासिक तोड
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