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२. डूंगरपुर के रावल गजपाल (ल० १४५० ई०) का जैनमंत्री, जिसने आंतरी में शान्ति जिनालय बनवाया । [ प्रमुख. ६१२] ती. ऋषभ के एक पुत्र, महारानी सुमंगला से उत्पन्न, पिता के मुनिसंघ में सम्मिलित हुए। [ टंक. ]
१. बराड का श्रीमाल श्वे. प्रभावशाली श्रावक एवं संघपति | [ टंक. ]
२. मध्यकाल में इस नामके और भी दो-एक धर्मात्मा श्रावक हुए प्रतीत होते 1 [ टंक. ]
३. मालवा के मण्डनमन्त्री (१४०५-३२ ई०) के पूर्वज, जालौर के श्रीमाल श्रावक । [ प्रमुख. २४६ ]
४. सोलंकियों का जैन दण्डनायक, जिसकी पुत्री कुमारदेवी अश्वराज की पत्नी और वस्तुपाल-तेजपाल की माँ थी । | गुच. ३०८ ]
ग्वालियर का राजा, श्वेताम्बराचार्य बप्पभट्टिसूरि का भक्त शिष्य । संभवतया वह गुर्जर प्रतिहार वत्सराज ( ७८३ ई०) के पुत्र एवं उत्तराधिकारी नागभट द्वि. नागावलोक ( ८००-८३३ ई०) से अभिन्न है । बप्पभट्टिचरित्र में इस नरेश की गुरुभक्ति एवं धार्मिक कार्यकलापों का वर्णन है । [प्रमुख. २०३-२०४; जैसाद. २४३; कंच. १८; गु. १९-२८]
आमकारवेव--- उम्दान का पुत्र, और गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वि विक्रमादित्य का एक जिनधर्मी वीर दण्डनाथ था, जिसने सांधी के एक शि. ले.
के
अनुसार, ४१२ ई० में, काकनाबोट के बिहार मे जैनमुनियों के नित्य आहारदाय तथा रत्नगृह में दीपक जलाने के लिए ईश्वरवासक नामक ग्राम और २५ स्वर्ण दोनारों का दान किया या । [ प्रमुख. १९८ जैसा. ५७३; कार्पस इन्स. इंडि. iii. पृ. २९]
आमन कवि--- अन्हिलपुर (गुजरात) निवासी दिग. पल्लीपाल बावक, लेमि
आमीर
बानू
आम
चरित्र (सं०) का कर्ता और 'गणितपाटी' के लेखक अनन्तपाल तथा तिलकमंजरीसार के कर्ता धनपाल (१२०३ ई०) का पिता । [ टंक. ]
ऐतिहासिक व्यक्तिकोष