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अतिशय क्षेत्र रियासत मैसूर के शासन जिले में गनरायपढन नपरह मील पर है। यहाँ पर श्री बाहुबली स्वामी की १७ फीट ऊँची विक्की परितोष विशालकाय प्रतिमा है।
हस्तिनापुर (श्रीविष्णुकुमारनहामुनिपूजा) - उत्तर प्रदेश में मेरठ के मवाना से वाइस मील दूर हस्तिनापुर भतिशय क्षेत्र स्थित है। यह तीर्थ वह स्थान है जहाँ इस युग के मावि में दानतीर्थ का अवतरण हुमा था। मावि तीर्थंकर ऋषभ देव को इक्षुरस का माहार देकर राजा श्रेयांस ने दान की प्रथा चलाई थी। इसके उपरान्त यहाँ श्री शांतिनाथ, कुंथुनाथ और अरहनाप मानक तीन तीर्थंकरों के गर्म, जन्म, तप, और शान कल्याणक हुए थे।' अकम्पनाचार्यादि सात सौ मुनियों ने इस स्थल पर उपसर्ग सहन किये थे।
जन-हिन्दी-पूजा-काव्य में उल्लिखित नगर तथा तीर्थों के प्रयोग का आधार अतिशय अथवा सिद्ध सम्पन्नता हो रही है। आज भी इन सभी क्षेत्रों में बने भव्य मंदिरों में चौबीस तीथंकरों की प्रतिमाएं विराजमान हैं। जिनसे प्राचीन भारत का इतिहास, कला तथा संस्कृति समाविष्ट है।
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१. जैन तीर्थ मोर उनकी यात्रा, पृष्ठ ४६ । २. श्री विष्णुकुमार महामुनिपूजा, रघुसुत, जनपूजापाठसंग्रह, पृष्ठ १७३। ३. जैन तीर्थ और उनकी यात्रा, पृष्ठ २७ । ४. श्री रक्षाबन्धनपूजा, रघुसुत, राजेश नित्य पूजापाठ संबह, पूछ ३६२ ।