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। २६४ ) (३) बाल परम पर ध्याया।
(जिलाल, श्री पार्वनाष पूजा) (४) जो पूजे ध्यावे कर्म।
(मुन्नालाल, श्री खण्डनिरिक्षेत्र पूजा) (२) पून (१८ वीं शती) (१) पूजों तुम गुणसार ।
(व्यानतराय, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (१५ शती) (१) सुमति जिनेश्वर पूजते।
(बस्तावररत्न, भी सुमतिनाथ जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) ते सुगन्धकर पूजिये।
(आशाराम, श्री सोनागिरि सिद्ध कर पूजा) (३) कर (१८ वीं शती) (१) चंदन शीतलता करे।
(व्यानसराय, भी देवशास्त्र गुरुपूजा) (२) उखम नाश कोने।
(व्यानतराय, श्री देवशास्त्र गुस्सूजा) (१) कोजे शक्ति प्रमान।
(यानतराय, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (४) सबकी पूजा कर।
(व्यामतराय, भी बीस तीर्थकर पूजा) (५) सब प्रतिमा को करों प्रणाम ।
(यानतराय, भी पंचमेल पूजा) (६) परकाश करयो है।
(व्यानतराय, भी बीस तीर्थ कर पूजा) (७) सरव कोनों निवारा।
(व्यानतराण, बी बीस तीर्थ कर पूजा) (१५ वीं शती)-(१) जय अजितनाथ कीजे सनाय ।
(बलावररत्न, श्री चतुर्विशति निमपूना) (२) धनपति ने कोनी।
(बस्तावररत्म, बी मनाप बिनपूबा) (३) रुपा ऐसी कीजिये।
(आतापरल, बी अभिनंदन नाप बिना )