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घुस
पंचम
हस्त बीसवीं शती
एकादश
जय
( २३८ ).
पूजों नष्टम जिन मीत'
में किम कंहू
गोत सार सों
चक्षु प्रिय अति मिष्ट हो कलि पंचम चेत*
नित जोड़ हस्त
एकादश कार्तिक बको पूजा रची * वार त्रय गायके
१. श्री चन्द्रप्रभु जिनपूजा, वृन्दावन, संगृहीत ग्रंथ-ज्ञानपीठ पूजांजलि, अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, १६५७, पृष्ठ ३३५ ।
२. श्री सम्मेदशिखर पूजा, रामचन्द्र, सगृहीत ग्रंथ - जैम पूजा पाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२. नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ १२५ ।
३. श्री अथ सप्तर्षि पूजा, मनरंगलाल, संगृहीत ग्रंथ --- राजेश नित्य पूजापाठ सग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६, पृष्ठ १४१ ।
४. श्री सम्मेद शिखर पूजा, रामचन्द्र, सगृहीत ग्रंथ- जंन पूजापाठ सग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं०:२, नलिनी सेठ रोड, कलकता - ७, पृष्ठ १२७ । ५. श्री चन्द्रप्रभ जिनपूजा, बृन्दावन, संगृहीतग्रथ - ज्ञानपीठ पूजांजलि, अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, १९५७, पृष्ठ ३३५ ।
६. श्री अय सप्तर्षि पूजा, मनरंगलाल, संग्रहीत ग्रंथ - राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १९७६, पृष्ठ १४३ |
७. श्री चांदनपुर महावीर स्वामी पूजा, पूरणमल, संग्रहीत ग्रंथ - जन पूजापाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ १६४ ।
८. श्री तीस चौबीसी पूजा, रविमल, संगृहीतबंध-जैन पूजापाठ संग्रह, भाग चन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ २४५ ।