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जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था । तीर्थंकर परम्परा में प्रभु आदिनाथ के अंगूठे में प्रतिबिम्बित होने वाला चिन्ह 'वृषभ' था। आपके शरीर का रंग हेम वर्ण था ।
(२) अजितनाथ (श्री अजितनाथ जिनपूजा) '
तीर्थंकर क्रम में अजित नाथ जो दूसरे तीर्थंकर हैं। जितशत्रु और माता का नाम विजयादेवी। आपका चिन्ह पीत । जन्मस्थान साकेत ।
पिता का नाम
'गज' तथा वर्ण
(३) सम्भवनाथ (श्री सम्भव नाथजिनपूजा)
भ० सम्भवनाथ जो तीसरे क्रम के तीर्थकर हैं। आपके माता-पिता का नाम क्रमशः सुसेना और जितारि है । चिन्ह है अश्व । वर्ण है पोत और जन्मस्थान है श्रावस्ती ।
(४) अभिनंदननाथ (श्री अभिनन्दननाथ पूजा ) "
ate क्रम में अभिनंदन नाथ का नाम आता है। आपके पिता भी संवर और मातुश्री का नाम सिद्धार्था । जन्मस्थली है साकेतपुरी । सुवर्ण के समान वर्ण वाले विभु अभिनंदन का चिन्ह बन्दर है ।
(५) सुमतिनाथ (श्री सुमतिनाथ जिनपूजा)
far तीकर सुमतिनाथ जी हैं। पिता का नाम है मेघप्रम और मातुश्री हैं- मंगला । जन्मस्थल है साकेत । चिन्ह है चकवा |
१. श्री अजितनाथ जिनपूजा, बख्तावररत्न, सगृहीत ग्रंथ- चतुविशति जिनपूजा संग्रह, प्रकाशक - वीर पुस्तक भंडार, मनिहारो का रास्ता, जयपुर, पौष सं० २०१८, पृष्ठ १५ ।
२. श्री संभवनाथ जिनपूजा, रामचन्द्र, संगृहीत ग्रंथ - चतुर्विंशति जिनपूजा, संग्रह प्रकाशक -- नेमीचन्द बाकलीवाल, जैनग्रंथ कार्यालय, मदनगंज (किशनगढ ) राजस्थान, अगस्त १६५१, पृष्ठ ३० ।
३. श्री अभिनंदननाथपूजा, मनरंगलाल, संगृहीत ग्रथ - सत्यार्थयज्ञ, प्रकाशक --- पं० शिखरचन्द्र जैन शास्त्री, जवाहरगंज, जबलपुर, म० प्र०, चतुर्थ संस्करण, अगस्त १६५० ई०, पृष्ठ ३२ ।
४. श्री सुमतिनाथ जिनपूजा, बख्तावररत्न संगृहीत ग्रंथ - चतुविशति जिनपूजा संग्रह, वीर पुस्तक भंडार, मनिहारों का रास्ता, जयपुर, पौष सं० २०१८ पृष्ठ ३६ ।
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