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________________ परिशिष्ट 255 62 भगवानदाम 158, 160, 165 राजीमती (पुत्री भोजराज) 219 भवराज (पुत्र जैनपाल 6 रामचन्द्र श्रेष्ठी भवराज (पुत्र सोमदेव) 2 राम (देव) भूल(भुल्ल)मसाधु (जैसवाल) रिखनी (पत्नी रेखावैद्य) रुद्रकुमार भोगिदास रूपचन्द्र 224 मघन रेखावैद्य (धर्मदास वैद्य पुत्र) 65 यतिसागर रेखांगज मनसुख (हरिराजपुत्र) 23 रैराज (जैनपाल पुत्र) मल्लिदास (रणमलपुत्र) 142 लक्षणश्री (द्वितीय पत्नी कुशराज) 6 लक्ष्मण 204 मल्लुग लक्ष्मण (विमलू पुत्र) 208 मल्हण (पत्नी रामचन्द्रश्रेष्ठी) 36 लालमणि (कान्हरसिंघ पुत्र) 68 महाराज (सोमदेव पुत्र) लोणा (पत्नी जैनपाल) मा (वणिक) बनमाल महीअक्ष (वणिकपति) वर(न)देव (वाग्भट पुत्र) महेन्द्रदत्त (विमलूपुत्र) वाग्भट श्रावक) मंगल (हर्षपुत्र) 68 वायाधर (मोमदेव पुत्र) मदोदरी 165 विजेणी (पत्नी अाभदेव) माइंद ठक्कुर (पिता जिनदेव) विजयसिंह मामट 158 विद्याधर 120 मानिनी (पत्नी श्रीदत्त) 570 विनयदेवी मित्रसेन विमलू संघाधिनाथ 208 यशोदा (पनी मित्रसेन) वीणा (देवी) रह (देव) वोरु (मुनि हेमचन्द शिप्य) 222 रतन[राज] (सोमदेव पुत्र) 22 वीरिका रतिपाल 133 वेरिति (स्त्री) 107 रल्हो (प्रथम पत्नी कुशराज) 6 वृहती (भार्या विमल) 100 170 77 560 160 118 200
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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