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________________ परिशिष्ट सलेमशाह मामंतसेन (राजा) सामन्तसिह (राजा) पाहिजलालदीन 62 साहि (शाहजहां) 81 सिन्धुराज 198 सिंहमहीपति 156 हरिराज (राजा) 155 158 16. 6 63 160 प्रशस्तिसंग्रहमें उन्लिखित श्रावक और श्राविका अर्कमाम्बा (पत्नी करुणाकर) 115 कीर्तिचन्द्र अभिमन्यु (पुत्र रामचन्द्र श्रेष्ठि) 36 केवलसेन अभयराज 158 केशरिदे अमरसिंह 62, 122, 123, 126, कौशीरा (तृतीय पत्नी कुशराज) अमरहरि 531 कृष्ण (कृष्णदास हर्षपुत्र) अमयसिह 132 कृष्णदास आदित्य शर्मा कृष्णावती श्रामदेव क्षेमराज ( जैनपाल पुत्र) उदितया (माता जैनपाल) कचरा (कचरदास) 62 गदाधर कमलश्री गुणपाल कल्याण गुमटाम्बा (पत्नी पार्श्वनाथ) कल्याणसिह (पुत्र कुशराज) गोकर्ण कामदेव श्रावक 204 गोगा काल (पुत्र भोजराज) 216 गोनरदेव चितातय कान्हरसिंह . 8 गोपी (गोपिका) काल्हू (पुत्र हावा माधु) 172 गोमती खेतल 139 135
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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