________________
३३४
बनधर्म हाथी गुफामे कलिंग चक्रवर्ती जैन सम्राट खारवेलका प्रसिद्ध शिलालेख अंकित है।
४ जैनधर्म और इतर धर्म जैनधर्मको आवश्यक बातोंका परिचय करा चुकनेके बाद उसका इतर धर्मोके साथ क्या कुछ सम्बन्ध है' आदि वातोंपर भी एक सरसरी, निगाह डालनेका प्रयत्न करना अनुचित न होगा; क्योंकि उससे उक्त वातोंपर अधिक प्रकाश पड़ने के साथ ही साथ जैनधर्मकी स्थितिको समझनेमे तथा अनेक भ्रामक धारणाओंके दूर होनेमे अधिक सहायता मिल सकेगी।
भारतके धर्मोंमें हिन्दू धर्म और वौद्धधर्म ये दो ही धर्म ऐसे है, जिनके साथ जैनधर्मका गहरा जोड़-तोड़ रहा है। भारतीय होने के नाते तीनों ही साथ साथ रहे है, प्रत्येकने शेष दोनोंके उतारया चढावक दिन देखे है, और परस्परमें प्रहार किये और झेले है, फिर भी एकी दूसरेके ऊपर छाप पड़े बिना नही रही है।
१जैनधर्म और हिन्दू धर्म यहाँ हिन्दूधर्मसे मतलब वैदिक धर्मसे है, जिसे सनातनधर्म भी कहा जाता है, क्योकि अब यह शब्द इसी अर्थमें रूढ़ कर दिया गया है। कहनके लिये 'हिन्दू' शब्दकी ऐसी व्याल्याएं भी की जाती है जिनत जैनधर्म भी हिन्दूधर्म कहा जा सकता है, किन्तु एक तो रूढके सामन यौगिक शब्दार्थको कौन मानता और जानता है ? दूसरे, उन व्याख्या ओंके पीछे प्रायः यह भाव पाया जाता है कि जनधर्म हिन्दुधर्मके नाम कहे जानेवाले वैदिकधर्मकी विद्रोही कन्या है। किन्तु जिन नियम विद्वानोन जनधर्मका गहरा आलोडन किया है वे उसे भारतका एक स्वतंत्र धर्म मानते हैं। दोनो धर्मोके तत्त्वोंपर दष्टि डालनसे भी यह निष्कर्ष निकलता है। तथा इस बातका निर्णय दोनों धर्मोक शास्त्रोक
आन्तरिक साक्षीके आधारपरही किया जा सकता है। क्योकि अन्य कार बाह्य प्रमाण ऐसा नहीं मिलता जो इस समस्यापर प्रकाश डालस