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विविध
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स्थान है । यहाँके मन्दिरमे श्रीपुष्पदन्त भगवानकी मूर्ति विराजमान है।
सेटमेंट —- फैजाबादसे गोडा रोडपर २१ मील वलरामपुर है । बलरामपुर १० मीलपर सेटमेट है । इसका प्राचीन नाम श्रावस्ती वतलाया जाता है जो कि तीसरे तीर्थङ्कर संभवनाथ की जन्मभूमि है ।
रत्नपुरी - यह स्थान फैजाबाद जिलेमें सोहावल स्टेशनसे १॥ मील है । यह श्रीधर्मनाथ स्वामीकी जन्मभूमि है । एक मन्दिर श्वे - ताम्बरोंका व दो दिगम्बरोके है ।
कम्पिला -- यह तीर्थक्षेत्र जिला फरुक्खाबादमे एन० इ० रेलवेके कायमगंज स्टेशनसे ८ मील है । यहाँ तेरहवें तीर्थङ्कर श्रीविमलनाथ के ४ कल्याणक हुए है । प्रतिवर्ष चैत्र मासमें यहाँ मेला भी भरता है और रथोत्सव होता है ।
अहिक्षेत्र — एन० आर० की वरेली-अलीगढ लाइनपर आंवला स्टेशन है | वहाँसे ८ मील रामनगर गाँव है उसीसे लगा हुआ यह क्षेत्र है । इस क्षेत्रपर तपस्या करते हुए भगवान पार्श्वनाथके ऊपर कमठके जीवने घोर उपसर्ग किया था और उन्हें केवल ज्ञानकी प्राप्ति हुई थी । प्रतिवर्ष चैत्र वदी ८ से द्वादशी तक यहाँ मेला होता है ।
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हस्तिनागपुर - यह क्षेत्र मेरठसे २२ मील है । यहाँ श्रीशान्तिनाथ । कुन्युनाथ और अरनाथ तीर्थङ्करो के गर्भ, जन्म, तप और ज्ञान इस तरह चार कल्याणक हुए है । तथा ११वे मल्लिनाथ तीर्थङ्करका समवसरण भी आया था । यहाँ पर दिल्लीके लाला हरसुखदासजी का बनवाया हुआ एक विशाल दिगम्बर जैन मन्दिर और धर्मशाला है । पासमें ही श्वेताम्वरोका भी मन्दिर है । धर्मंगाला से लगभग २ - ३ मीलपर चारो तीर्थङ्करोकी चार दि० जैन नशियाँ बनी हुई है जो प्राचीन है । प्रति वर्ष कार्तिक सुदी से पूर्णमासी तक दिगम्बर जैनोंका बहुत बड़ा मेला भरता है ।