SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्यवहारनिश्चयो यः प्रबुध्यतत्त्वेन भवति मध्यस्थः। प्राप्नोति देशनायाः स एव फलमविकलं शिष्यः॥८॥ पुरुषार्थसिद्ध्युपाय जो जीव व्यवहारनय और निश्चय नय से वस्तुस्वरूप को यथार्थ रूप से जानकर मध्यस्थ होता है अर्थात् निश्चय नय और व्यवहार नय के पक्षपात से रहित होता है वही शिष्य उपदेश का सम्पूर्ण फल प्राप्त करता है। श्रोता में अनेक गुण होना चाहिए परन्तु व्यवहार और निश्चय को जानकर एक पक्ष का हठाग्राही नहीं होना चाहिए कहा भी है जइ जिणमयपवज्जह ता मा व्यवहार णिच्छए मुअह। एकेण विण छिज्जइ, तित्थं अण्णेणपुण तच्च।। (पं० प्रवर आशाधर जी कृत अनगारधर्मामृत पृष्ठ 18) यदि तू जिनमत में प्रवर्तन करता है, तो व्यवहार और निश्चय को मत छोड़। यदि निश्चय का पक्षपाती होकर व्यवहार को छोड़ेगा तो रत्नत्रयस्वरूपतीर्थ का अभाव होगा और यदि व्यवहार का पक्षपाती हो निश्चय को छोड़ेगा तो शुद्ध तत्त्वस्वरूप का अनुभव नहीं होगा; अतः पहले व्यवहार-निश्चय को भली प्रकार जानकर यथायोग्य इनको अंगीकार करना, पक्षपात नहीं करना, यही उत्तम श्रोता का लक्षण है। इस प्रकार सच्चे श्रोता के और गुण बताते हुए आचार्य गुणभद्र कहते हैं भव्यः किं कुशलं ममेति विमृशन् दुखाद्भशं भीतवान्। सौख्यैषी श्रवणादिबुद्धिविभवः श्रुत्वाविचार्यस्फुटम्। धर्मं शर्मकरं दयागुणमयं युक्त्यागमाभ्यां स्थितं, गह्वनधर्मकथां श्रुतावधिकृतः शास्यो निरस्ताग्रहः॥७॥ पद्य (आत्मानुशासन) धर्मकथा का श्रोता होता भव्य और निज हित चिन्तक। दुःखों से भयभीत तथा श्रवणादिबुद्धियुत हित वाञ्छक॥ सुखकर और दया गुणमय, धर्मस्थ युक्ति और आगम से। श्रुत मर्यादाधारी, आग्रहमुक्त धर्म वार्ता सुनते॥ धर्मोपदेश भी मिल जाये, किन्तु योग्य श्रोता के बिना धर्म नहीं होता है जैसे-योग्य पात्र के बिना वस्तु नहीं ठहरती। अयोग्य पात्र में रखने से वस्तु तथा पात्र दोनों का नाश हो जाता है। श्रोता के लक्षण इस प्रकार हैं1. श्रोता भव्य होना चाहिए, क्योंकि अभव्यों को उपदेश नहीं ठहरता। - 12
SR No.010095
Book TitleJain Darshansara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Jain, Nilam Jain
PublisherDigambar Jain Mandir Samiti
Publication Year2003
Total Pages458
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy