________________
[ * ]
लोक-जीवन में सद्ज्ञान के संचार, जन-जन में नैतिक अभ्युदय की प्रेरणा तथा जन सेवा का उद्देश्य लिये चलने वाले इस ट्रस्ट के संस्थापन द्वारा समाज के उत्साही युवक श्री हनुमानमलजी बेंगानी ने समाज के साधन-सम्पन्न व्यक्तियों के समक्ष एक अनुकरणीय कदम रखा है। इसके लिए उन्हें सादर धन्यबाद है । आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान के अनुपम स्रोत इस महत्वपूर्ण प्रकाशन प्रबन्ध का उत्तरदायित्व ग्रहण कर श्रादर्श साहित्य संघ, जो सत्साहित्य के प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार का ध्येय लिये कार्य करता आ रहा है, अत्यधिक प्रसन्नता अनुभव करता है ।
'जैन दर्शन के मौलिक तत्त्व का यह दूसरा भाग है, जिसमें जैन तत्व एवं आचार भाग का यौक्तिक तथा हृदयग्राही विवेचन है ।
आशा है, पाठक इससे श्रात्म-दर्शन की स्फूर्त प्रेरणा एवं सुगम पथ प्राप्त
करेंगे
1
सरदारशहर ( राजस्थान )
भाद्रपद कृष्णा ६, २०१७.
जयचन्दलाल दफ्तरी
व्यवस्थापक
आदर्श साहित्य संघ