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लमें मेरा जैनाभ्यास *
[तृतीय
साथ ८८ ग्रह, २८ नक्षत्र और ६६६७५
क' हैं। एक-एक पिटकपर
नक्षत्रके भी ६६ पिटक हैं। । ग्रहके भी ६६ पिटक हैं और ग्रह हैं। ये चन्द्र, सूर्य, नक्षत्र, का पर्वतके चारों ओर प्रदक्षिणा
प्रथात् घड़ी पल, दिन, रात्रि आदिका ते हुए सूर्य, चन्द्रमादिक द्वारा सूचित नाहर सूर्य, चन्द्रमादिके सब ज्योतिष्क पहाई द्वीपके बाहर समयका विभाग
लोक
कके बादसे 'ऊर्ध्वलोक' श्रारम्भ र इस प्रकार है:जासे डेढ़ रज्जू ऊपर मेरु पर्वतके दूसरे देवलोक हैं। इनसे आध रज्जू लोक, इनसे आध रज्जू ऊपर छठा, इससे आध रज्जू ऊपर पाठवा, इससे आध रज्जू नवाँ उँचा ग्यारहवाँ और बारहवाँ
अगनाई, संख्या उनके