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* जेल में मेरा जनाभ्यास *
[तृतीय
20.
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अधोलोक श्राकाशान्तर (शुद्ध आकाशमें) इसके + (हवा); इसके आधारपर घनवात गमूह), इसके आधारपर घनोदधि (पिण्ड
के आधारपर टिका हुआ है। तनुवात, पर प्रत्येक नरक अवलम्बित है। प्रत्येक दुनियाँके समान है। ढंगसे प्रत्येक नरक घनोदधि आदिकी मोटाई
घनोदधिकी गोटाई
घनवातकी तनुवातकी
मोटाई मोटाई ४ योजन ६ योजन
जन
तोत्र, पृथ्वीपिण्ड, वास और विस्तार