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तृतीय खण्ड
विषय
१- मुमुत्तुकेलिये उपयोगी उपदेश
(१) कुछ वाक्य-रन
-जीवनकी सफलता
२- मनुष्य-उ
-ध्यानका स्वरूप
( १ ) प्रातध्यान
( २ ) रौद्रस्थान
) स्पष्टीकाय
( ४ ) शुभ ध्यान
( * ) धर्मध्यान
( ६ ) अध्यानके आ
( ७ ) धर्मध्यानकी विशुद्धिकेलिये भावनाएँ
(८) धर्मध्यानके प्रकारान्तर
( * ) धर्मध्यानका फक्ष
(१०) स्पष्टीकर या
(११) शुक्रध्यान
(१२) शुध्यानका श्रालम्बन
(१३) शुक्रभ्यानके भेव
(१४) शुक्रभ्यानकी योग्यता और उसकी प्राप्ति
(१५) स्पष्टीकरण
(१६) ध्यानके नाम (१०) विशेष
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