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* जेलमें मेरा जैनाभ्यास *
समान भिन्न-भिन्न तथा निष्क्रिय हैं । उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य और गुणपर्याय सहित होनेसे ये भी द्रव्य हैं। इसको 'निश्चय कालद्रव्य' कहते हैं। __ यह काल द्रव्य अनन्त समयवाला है। यद्यपि वर्तमान काल एक समय मात्र है, परन्तु भूत-भविष्य-वर्तमानकी अपेक्षा अनन्त समयवाला है।
समय कालकी पर्यायका सबसे छोटा अंश है। इसके समूहसे आवली ( श्रावलिका ), घटिका इत्यादि व्यवहार-काल होता है। यह व्यवहार काल निश्चय-काल द्रव्यकी पर्याय है।
द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव और गुणको धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय और कालास्तिकायमें घटाया जाता है:
१--धर्मास्तिकाय-द्रव्यसे एक है; क्षेत्रसे समस्त लोकमें है; कालसे आदि-अन्त-रहित है; भावसे वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श रहित अर्थात् अम्पी है और गुणसे गमन-सहायक है।
२--अधर्मास्तिकाय--द्रव्यसे एक है; क्षेत्रसे समस्त लोकमें है; कालसे श्रादि-अन्त-रहित है; भावसे वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श रहित अर्थात् अम्पी है और गुणसे स्थिति-सहायक है। ___ ३--आकाशास्ति काय-द्रव्यसे एक है। क्षेत्रसे लोकालोक प्रमाण है; कालसे आदि-अन्त-रहित है; भावसे वर्णादिरहित अर्थात् अरूपी है और गणसे अवकाशदाता है।