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प्रोफेसर साहिब के मन्तव्यों की
अप्रामाणिकता
अरहन्त-भासियत्थं गणधरदेवेहि-गथियं सव्वं । पणमामि भत्तिजुत्तो सुदणाणमहो वयं सिरसा ।। दिगम्बर और श्वेताम्बर सम्प्रदायों में सैद्धान्तिक
एकीकरण असम्भव है।। प्रोफेसर हीरालाल जी एम० ए०, एल एल० बी० ने अखिल भारत व प्राच्य-सम्मेलन, हिन्दू-विश्व-विद्यालय बनारस के १२वें अधिवेशन में दिये गये अपने मुद्रित वक्तव्य द्वारा "क्या दिगम्बर और श्वेताम्बर सम्प्रदायों के शासनों में कोई मौलिक भेद है ?" इस शीर्षक से स्त्री मुक्ति, सवन मुक्ति
और केवली कवलाहार, इन तीन बातों को सिद्ध करने का प्रयास किया है। श्वेताम्बर सम्प्रदाय उक्त तीनों बातों को