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इनका ही मुख्य हाथ है । अपनी रुग्ण दशा का भी खयाल न करके श्रीमान भा० निरंजनलाल जी ने कठोर श्रम किया है । ये अपने कार्य में श्रीमान सेठ सुन्दरलाल जी (प्रधान मुनीमफर्म- सेठ जुहारुमल जी मूलचन्द जी), मुझ से तथा पं० उल्फतरायजी रोहतक, पं० उल्फतराय जी भिण्ड, सेठ फकोरभाई जी, तथा ला० पोस्तीलाल जी आदि से सम्मति लेकर काय करते हैं । अतः इनको तथा इनके सहयोगियोंको जितना धन्यवाद दिया जावे थोड़ा है ।
जिन महानुभावों ने इस ग्रन्थ प्रकाशन में आर्थिक सहायता दी है वे धन्यवाद के पात्र हैं । एवं बम्बई दि० जैन पंचायत जिसकी छाया में यह कार्य सम्पादन हुआ है विशेष धन्यवाद की पात्र है ।
निवेदक-
रामप्रसाद जैन शास्त्री,
बम्बई सम्पादक - दिगम्बर जैन ' सिद्धान्त दर्पण'