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________________ किरण ] नीतिवाक्यामृत और सागारधर्मामृत ११ बिना नहीं रहती। फिर भी कुछ स्थल ऐसे अवश्य दृष्टि में पाये, जहां एक ही लोक को भिन्न भिन्न कर्ताओं के नाम के साथ उद्धृत किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ही श्लोक को तीन तीन प्राचार्यों के नामों से उद्धत करते हुए भी टीकाकार को स्वयं पूर्वापर विरोध प्रतीत नहीं हुआ !!! यदि ऐसे पद्यों के रचयिताओं के विषय में विवाद था, तो उसे बिना किसीका नामोल्लेख किये ही 'तथा चोक्तं, आदि कह कर उद्ध त कर सकते थे। समझ में नहीं आता कि एक बहुश्रुत टीकाकार द्वारा ऐसा प्रमाद कैसे हुआ ? पाठकों को इसके परिचयार्थ यहां एक उद्धरण दिया जाता है :उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी देवेन देयमिति कापुरुषाः वदन्ति । दैवं निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या __ यत्ने कृते यदि न सिद्धयति कोऽत्र दोषः ॥ इस प्रसिद्ध श्लोक को टीकाकार ने मात्र एक-दो शब्दों के हेर-फेर से तीन स्थलों पर तीन ही निर्माताओं के नाम से उद्धृत किया है। अथाः पृष्ल १४३ परे 'तथा च भागुरिः, पृ० २६४ पर तथा च शुक्रः, और पृ. ३१२ पर 'तथा च वल्लभदेवः, इतने बड़े बहुश्रुत विद्वान का इस प्रकार का प्रमाद अवश्य विचारणीय है। इसी प्रकार पृ० ११३ पर टीकाकार ने 'काकतालीया न्याय का भी बड़ा विचित्र अर्थ किया है। पाठकों के परिज्ञानार्थ उसका यहां देना अनुचित न होगाः अथवा काकतालीयं यन्मूर्खमंत्रारकार्य सिद्धिः। कोऽर्थः ? तालवृक्षस्य तावद्वर्षशतेन फलं भवति, काकश्च सर्वेषां पक्षिणां सकाशादतीवाविश्वासी भवति, स तस्याधो गच्छन् तत्फलेन पतता यदि हन्यते तन्मूर्खमंत्रासिद्धिरिति ।" पृष्ठ १३५ पर 'स्ववधाय कृत्योस्थापनमिव मूर्खपु राज्यभारारोपणम्' इस सूत्र का अर्थ करते हुए ‘कृत्योत्थापन का बड़ा ही विलक्षण अर्थ किया है। कुछ भूलें टीकाकार के अजैन होने एवं जैन परिभाषाओं से अपरिचित होने के कारण भी हुई है। जैसे पृष्ठ ८५ पर सूत्रकार ने सर्व वर्गों का समान धर्म बतलाते हुए अहिंसा, सत्य प्रादि पांच प्रसिद्ध व्रतों का उल्लेख किया है, वहां प्रयुक्त हुए 'इच्छानियमः' इस पद का सीधा-सादा 'परिग्रह परिमाण अर्थ न करके 'स्वेच्छाप्रवृत्तिवृत्तं किया है जो कि भ्रामक है।
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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