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किरण 9]
आवश्यक वर्ण के अनुसार
पति
पुत्रीनाम
भ० महाबीर के समकालीन नृपति गण
१ प्रभावती
२ पद्मावती
३ मृगावती
४ शिवा
स्थान नगर ---
वीतिभय
उदयन
दधिवाहन चंपा
शतानीक
कौशम्बी
उज्जयिनी
प्रथोत
५ ज्येष्ठा
नंदीवर्द्धन
कुंडग्राम
६ सुज्येष्ठा -- कुमारिकावस्था में दीक्षा
७ चेल्लणा
श्रेणिक राजगृह
पं० गोविन्दरायजी के लेख के अनुसार
क
पुत्रीनाम
१ प्रियकारिणी सिद्धार्थ
२ मृगावती
शतानीक
दशरथ
उदयन
सात्यक
( विवाह से पूर्व दीक्षित )
३ सुप्रभा
४ प्रभावती
५. ज्येष्ठा
पति
१३
स्थान नगर
कुंडलपुर
कशास्त्री
हेरकच्छ
रोरुक
गंधार
इनमें से चूर्णि का समर्थन मूल आगमों से भी होता है अतः विशेषरूप से मान्य किये जाने योग्य है । जैसे प्रभावती के पति उदायन की राजधानी सिंधु सौवीर देश के वीतिभय नगर में होने व उनके उत्तराधिकारी श्रभीचि कुमार भानजा ) आदि का उल्लेख भगवतीसूत्र में विस्तार से आया है अतः उनकी राजधानी कच्छ काठियावाडका रोरुक बतलाना सही नहीं प्रतीत होता । विशेष जानने के लिये मुनि जिन विजयजी का "वैशालिना गए सत्ताक राज्य नो नायक राजा चेटक" लेख देखना चाहिये जो कि जैन सा० संशोधक वर्ष २ ४ में प्रकाशित है। चेटक के सम्बन्ध में एक अन्य लेख विश्ववाणी के गत अगस्त के श्रम में भी प्रकाशित है। 1
३ दश देशकी राजधानी हरकच्छ व राजा दशरथ बतलाया गया है तब श्वे० श्रागमानुसार राजधानी दशार्णपुर- मृतिकावति का राजा दमभद्र था जो कि भ० महावीर के पास दीक्षित हुआ था ।
४ कौशाम्बी नरेश शतानीक के दीक्षित होने एवं उनके तीन अन्य उत्तराधिकारी होने के पश्चात उदयन का राजा होना लिखा गया है पर जैनागमों के अनुसार शतानीक ने दीक्षा ग्रहण नहीं की वह वैसे ही कालधर्म को प्राप्त हुआ । मृगावती भ० महावीर के पास दीक्षित अवश्य हुई थी । भागवत पुराण में ३ राजाओं का होना व सहस्रानीक का शतानीक के पद पर आसीन होना कहा गया है पर वह सही नहीं प्रतीत होता । जैनागमों के अनुसार सहस्त्रानीक शतानीक का पिता था और शतानीक के समय उदयन छोटा अवश्य था पर राजकार्य मन्त्रियों की सहायता से मृगावती संभालती थी । मृगावती के दीक्षा लेनेपर उदयन का राज्याभिषेक हुआ था । अतः शतानीक का उत्तराधिकारी उदयन हुआ न कि बीचमें अन्य तीन व्यक्ति ।
५ जीवन्धर की कथा का आधार कितना प्राचीन है ? कहा नहीं जा सकता अतः उस कथा में जितने राजादि के नाम थाये हैं वे महावीर के समकालीन थे यह संदिग्ध है ? उक्त कथानुसार मिथिलाका