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________________ किरण २] जिनचन्द्रमूरिजी को महाराजा अनूपसिंहजी के दिये हुए दो पत्र ९७ रहा प्रमाणित होता है। सं० १७२१ मा० ५० ५ को परत के पारख अखई पुत्र बीस डास, अयाइदास, सूरदास के संघ सह गौडी, पाबू तीर्थों की यात्रा की। सं० १७३१ में जोधपुर के संवी मनोहर दास व भाई प्रासकरण के साथ शत्रञ्जय तीर्थ की यात्रा की। सं० १७६३ में सूरत में अपने पट्ट पर जिनसुरवसूरि को प्रतिष्ठित कर श्राप स्वर्ग सिधारे बीकानेर के महराजा अनूप सिंह जी के जिनचंद्रसरि जो को दिये हुए पत्र स्वस्तिश्रीमहाराजाधिराज महाराज श्रीमदनपसिंहप्रभुवाणां श्रीमञ्जिनदेव भजनावापस कलजिनेंद्रज्ञानवैभवेपुनृणीकृत जगत्मसकलजनाभिवंदितचरणेषु श्रीपूज्यजिनचंद्रमूरपु वंदनातति निवेदकमदः पत्र विशेषम्नु पूर्व सब..."भवदीयः कश्चिन् यतिबरः अम्माकं सार्थेस्थितः इदानीमत्र भवदीयः कोपिनाम्ति भवद्भिरपिवृष्णी स्थितमस्तितत्केमिति अनः पर एकः उपाध्यायः पांचाख्यः अथवा जयेतसः एतयोर्मध्य यः कश्चिदायानि मत्वरं प्रेपर्णीयः चातुर्मास्य अत्रागत्य करोति तथा विधयं अस्मिन्नर्थ विलंबो न विधेयः किमधिकं । __ मिती पौष शु०८ १ श्री लक्ष्मीनारायण जी स्वम्मिश्रीगन्महाराधिराजमहाराजश्रीमदनूपसिंहप्रभुवर्याणं श्रीमत्सकल कार्यकरणनिपुणतापरामुखवैराग्य पवमानमंदोहवशंवदवशीकर णमंज्ञवैराग्यभोग्यकैवल्येषु विषमविपयदोपदर्शनदृषितप्रपंचरचनाचुलुकीकरणकुंभसंभव विभवेषु समस्तविगाविद्योतमानविप्रहेषु श्रीमद्भट्टारकजिनचंद्रसूरिषु वंदना प्रणाम सूचकोयं जांबिकः शमिह श्रीरमेशकरुणाकटाक्षसंदोहैः विशेषस्तु माला श्रीमद्भिः प्रेषिता सा ऽस्मत्करगता समजनि अन्यदपि यत्ममीचीनं वस्तु अस्मद्योग्यं भवतिचेदवश्यं प्रेषणीयं । १ जयतसी पुष्यक नश के शिष्य थे उनके रचित १ अमरसेन घरसेन चौपई सं० १७१७ दीवाली जैसलमेर २ कयवन्ना राल स. १७२१ बीकानेर ३ दशवकालिक गीत सं० १७०७ बीकानेर ४ दशश्रावक गीत ५ उत्तराध्ययन गीत सं० १७०७, ६ चतुर्विधसंघ नाममाला ७ चौबीस जिन पूजा जैसलमेर पार्श्व बृहद्स्तवन पार्श्वनाथ छंदादि उपलब्ध हैं। पत्र का समय-इसमें माला प्राप्ति का निर्देश है। आगे दिये जाने सं० १७४७ के पत्र में सूरिजी ने इसका उल्लेख किया है अतः इसका लेखन रंवत १७४७ में हुआ सिद्ध होता है।
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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