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________________ किरण १] स्व० बा० देवकुमार जी की दानशीलता माणिकचन्द जी की सहायता तथा संरक्षा में एक सरस्वती भण्डार स्थापित किया जाय, जिसके द्वारा सम्पूर्ण प्राचीन भण्डारों की फिहरिस्त तैयार कराके उनकी रक्षा की जावे, तथा जिन ग्रन्थों के जीर्णोद्धार की आवश्यकता हो, उनकी प्रतियाँ लिखवा लिखवा कर एकत्र की जावें और उनसे समाज को लाभ पहुंचाया जावे। इस विषय में अपने दो तीन सभाएँ भी की और स्वयं दो हजार रुपया देना चाहा, परन्तु चन्दा न हो सकने से काम नहीं हुआ। आपने आरा में एक सरस्वती भवन स्थापित किया, जो आपके सुपुत्रों के प्रयत्न से आज एक दर्शनीय संस्था है । अन्त समय भी आप दस हजार रुपया एकमुश्त और पाँच हजार वार्षिक का दान कर गये थे । आपकी रुचि का पता उस दान की तालिका से लगता है । अतः वह नीचे दी जाती है, जिससे दानी सज्जन शिक्षा ले सकें कि दान किस मद में देना चाहिये १ ४ १० ११ ३ जैन मन्दिर आरा " भदैनीघाट बनारस " चन्द्रपुरी 99 गढ़वा (प्रयाग) सरस्वती भवन छात्रवृत्तियाँ धर्मशिक्षा औषधालय सम्मेदशिखर जैन पाठशाला आरा श्रवणबेलगोल पाठशाला ५००) ३००) २००) २०० ) १५००) २००) तीर्थक्षेत्रों की रक्षा जैनधर्म का प्रचार करनेवालों की १००) असहाय विधवाओं को ५००) coc) सरस्वती भवन जैन मन्दिर मन्दारगिरि गोम्मटेश कलशाभिषेक गढ़वा के मन्दिर के प्रतिष्ठार्थ सम्मेद शिखर के रक्षार्थ ५००) २००) एकमुश्त वार्षिक 99 "" "" 99 "" 39 "" ५०००) वार्षिक " 99 د. २०००) ५००) १७५) ५०००) १५००) जैन अनाथालय हिसार को २६ बीघा जमीन और ७५०) अन्धे जगड़ों को ७५) १००००) ये मन्दिर आपके पितामह और पिता के बनवाये हुए हैं।
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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