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________________ [भाग १७ शीर्ष विन्दु से धार पर लम्ब खड़ा करने से बाधर के दोनों टुकड़ों का मान निकालने की रीति महावीराचार्य के ग्रन्थ में वर्तमान है : A a1 = } ( (a+c2= b2) E p=Vc a 1 भारकर a2 =¿ (a+b2=c2) D C ये दोनों नियम Euclid के ज्यामिति के अनुसार ही हैं। लम्ब के लिए उपयुक्त ग्रन्थ में निम्नलिखित नियम आया है: - 1 ba1' समकोण त्रिभुज के नियम के अनुकूल है । व्यास = p p an Properties of A' की पूरी जानकारी महावीराचार्य की थी। इसका प्रमाण उनका जन्य प्रकरण है, और पैशाचिक प्रकरण है। उदाहरणार्थं यदि ABC एक वृत्तगत त्रिभुज हो और AE उसका लम्ब हो, तो वृत्त के व्यास के लिए निम्नलिखित सूत्र की प्रवृत्ति होती है: ABX BC BE a b+d 2 पर एक विशेष ज्ञातव्य यह है कि चापीय विभुर चतुर्भुज में प्रतर (Plane ) त्रिभुजी और चतुर्भुज के नियम व्यवहृत किए गए हैं। महावीराचार्य के संग्रह में हाथी दांत का प्रश्न और पट्ागम में अवलोक के सूर्याकार क्षेत्र के त्रिभुज और चतुर्भुज के गणित से यह बात सष्ट है। - चतुर्भुज पाँच प्रकार के चतुर्भुज का उल्लेख गणित-सार-संग्रह में मिलता है : - ( १ ) वर्ग (२) श्रायत (३) द्विसम चतुर्भुज Isoceless trapezium or trapizium with oblique sides equal ( ४ ) त्रिसम चतुर्भुज Equitrilateral quadrilateral) (५) विषम चतुर्भुज । अगर ABCD चतुर्भुज के AB = a BC = h, CD = c, DA = d, a+c स्थूलतः चतुर्भुज - X 2 पर यह मान तभी एकदम ठीक है जत्र चतुर्भुज वर्ग हुआ या श्रायत । मान भ्रामक भी हो सकता । अन्य हालत में यह
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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