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[ गोम्मटसार जीवकाण्ड गाया ३२६
(१०२४) । पिशुलिपिशुलि का प्रमाण दोय सै छप्पन (२५६) । चूणि का प्रमाण चौसठि (६४) । चूणिचूणि का प्रमाण सोलह (१६) असे द्वितीयादि चूणिचूणि का प्रमाण च्यारि आदि जानने ।
अब इहा ऊपरि जघन्य ६५५३६ स्थापि, नीचे एक बार प्रक्षेपक १६३८४ स्थापि, जोडै, पर्यायसमास के प्रथम भेद का इक्यासी हजार नवस बीस (८१९२०) प्रमाण हो है।
बहुरि ऊपरि जघन्य (६५५३६) स्थापि, नीचे दोय प्रक्षेपक (१६३८४। १६३८४) एक प्रक्षेपकप्रक्षेपक स्थापि, जोड़े पर्यायसमास के द्वितीय भेद का एक लाख दोय हजार च्यारि सै (१०२४००) प्रमाण हो है ।
बहुरि ऊपरि जघन्य ६५५३६ स्थापि, नीचे तीन प्रक्षेपक (१६३८४११६३८४ १६३८४) तीन प्रक्षेपकप्रक्षेपक एक पिशुलि स्थापि, जोडै, तीसरे भेद का एक लाख अठाईस हजार (१२८०००) प्रमाण हो है ।
____बहुरि ऊपरि जघन्य स्थापि, नीचे नीचे च्यारि प्रक्षेपक, छह प्रक्षेपकप्रक्षेपक, च्यारि पिशुलि, एक पिशुलिपिशुलि स्थापि, जोडे, चौथे भेद का एक लाख साठि हजार (१६००००) प्रमाण हो है।
बहुरि ऊपरि जघन्य स्थापि, नीचे नीचे पाच प्रक्षेपक दश प्रक्षेपकप्रक्षेपक, दश पिशुलि पाच पिशुलिपिशुलि, एक चूर्णि स्थापि, जोडे, पाचवे भेद का दोय लाख (२,०००००) प्रमाण हो है।
वहरि ऊपरि जघन्य स्थापि, नीचे नीचे छह प्रक्षेपक, पंचदश प्रक्षेपक प्रक्षेपक, बीस पिशुलि, पद्रह पिशुलिपिशुलि, छह चूर्णि, एक चूणिचूणि स्थापि, जोडे, छठे स्थान का दोय लाख पचास हजार (२५००००) प्रमाण हो है । जैसे ही क्रम ते सर्व स्थाननि विष ऊपरि तौ जघन्य स्थापन करना । ताके नीचे नीचे जितना गच्छ का प्रमाण तितने प्रक्षेपक स्थापन करने । इहां जेथवा स्थान होइ, तिस स्थान विर्ष तितना गच्छ जानना । जैसै छठा स्थान विष गच्छ का प्रमाण छह होइ । बहुरि तिनके नीचे एक घाटि गच्छ का एक बार सकलन धन का जेता प्रमाण, तितने प्रक्षेपकप्रक्षेपक स्थापने । बहुरि तिनके नीचे दोय घाटि गच्छ का दोय बार संकलन धन का जेता प्रमाण, तितने पिशुलि स्थापन करने । बहुरि तिनके नीचे तीन घाटि