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म्यानचन्द्रिका भाषाटीका ]
२३७ तरेसठि लाख तरेसठि हजार छ सै छत्तीस सरसौ अर च्यारि सरंसौ का ग्यारहवां भाग (१९१७, ११२६३८४, ५१३१६३६, ३६३६३६३, ६३६३६३६, ३६ ३६ ३६३ ६३ ६३ ६३६ । ४ ) इतनी सरसौ करि अनवस्था कुड सिघाऊ भरया । सो भरि करि अन्य एक सरसौ को शलाका कुड में नाखि, तिस अनवस्था कुड की सर्व सरसौनि को मनुष्य है, सो बुद्धि करि अथवा देव है, सो हस्तादि करि ग्रहण करि जबूंद्वीपादिक द्वीप-समुद्रनि विर्षे अनुक्रम ते एक द्वीप विष एक समुद्र विर्षे गेरता गया, वे सरिस्यो जहा द्वीप विर्षे वा समुद्र विर्षे पूर्ण होइ, तहां तिस द्वीप वा समुद्र की सूची प्रमाण चौडा अर औडा पूर्वोक्त हजार ही योजन जैसा दूसरा अनवस्था कुड तहां ही करना।
सूची कहा कहिए ?
विवक्षित के सन्मुख अंत के दोऊ तटनि के बीचि जेता चौडाई का परिणाम होइ, सोई सूची जाननी । जैसे लवरण समुद्र की सूची पांच लाख जोजन है । जिस द्वीप की वा समुद्र की सूची कहिए, तिस ते पहिले द्वीप वा समुद्र ते वाकी सूची के मध्य प्राय गये । असा वहां कीया हुवा अनवस्था कुड को सरसोनि करि सिघाऊ भरना । भरि करि अन्य एक सरिसौ उस ही शलाका कुंड विर्षे गेरणी । पर इस दूसरे अनवस्था कु ड की सरिसोनि को लेइ, तहा ते आगे एक द्वीप विर्ष, एक समुद्र विष गेरते जाइए, तेऊ जहा द्वीप वा समुद्र विषे पूर्ण होइ तिस सहित पूर्व के द्वीप समुद्र तिनि का व्यासरूप जो सूची, तीहि प्रमाण चौडा पर पीडा पूर्वोक्त हजार जोजन असा तीसरा अनवस्था कूड सिघाऊ सरिसोनि करि भरना । भरि करि अन्य एक सरिसौ उस ही शलाका कुड मे गेरि, इस तीसरे अनवस्था कुड की सरिसौ लेड, तहा ते आगे एक द्वीप विष एक समुद्र विषै गेरणी । वह जहा पूर्ण होइ, तहा तिस को सूची प्रमाण चौथा अनवस्था कुड करना, ताकी सरिसो करि सिघाऊ भरना । भरि करि अन्य एक सरिसौ शलाका कुड विर्ष गेरिए, इनि सरसो को तहां तं आगे एक द्वीप विष एक समुद्र विष गेरणी, असे ही व्यास करि वधता-बधता अनवस्था कुड करि एक-एक सरिसौ शलाका कुड विर्ष गेरते जहा शलाका कुड भरि जाड, तव एक रारिसौ प्रतिशलाका कुड विष गेरिए । असे एक नव आदि अक प्रमाण जितनी सरिसो पहिला अनवस्था कुड विर्ष माई थी, तितने प्रमाण अनवस्था कुंड भए शलाका कुड एक बार मिघाऊ भरया गया । बहुरि इस गलाका कुंड की रीता