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सामायिक का मूल्य
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___ सामायिक का क्या मूल्य है ? यह प्रश्न गभीर है। इसका उत्तर भी उतना ही गभीर एव रहस्यपूर्ण है। सामायिक का एक-मात्र मूल्य मोक्ष है। मोक्ष के अतिरिक्त, और कुछ भी नहीं। कुछ लोग सामायिक के द्वारा भौतिक धन, जन, प्रतिष्ठा एव स्वर्गादि का सुख चाहते है, परन्तु यह वडी भूल है। यदि आज का भद्र साधक सामायिक का फल सासारिक सम्पदा के रूप मे ही चाहता रहा, तो वह उस महान आध्यात्मिक लाभ से सर्वथा वचित ही रहेगा, जिसके सामने ससार की समस्त सम्पदाएं तुच्छ है, नगण्य है, हेय है। सामायिक के वास्तविक फल की तुलना मे सासारिक सम्पदा किस प्रकार तुच्छ है, यह बताने के लिए भगवान् महावीर के समय की एक घटना ही पर्याप्त है।
एक समय मगधसम्राट श्रेणिक ने श्रमण भगवान महावीर से अपने भावी जीवन के सम्बन्ध मे पूछा कि 'मैं मर कर कहाँ जाऊंगा ?"
भगवान् ने कहा-पहली नरक मे। श्रोणिक ने कहा-आपका भक्त और नरक मे ? आश्चर्य है ।
भगवान् ने कहा-राजन् । किये हुए कर्मो का फल तो भोगना ही पडता है, इसमे आश्चर्य क्या ? राजा श्रोणिक ने नरक से बचने का उपाय बडे ही अाग्रह से पूछा तो भगवान् ने चार उपाय वताए, जिनमे से किसी एक भी उपाय का अवलवन करने से नरक से वचा जा सकता था। उनमे एक उपाय, उस समय के सुप्रसिद्ध साधक पूनिया धावक की सामायिक का खरीदना भी था।