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कायोत्सर्ग-सत्र
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तस्स उत्तरी-करणेरणं पायच्छित्त-करणेरणं विसोही-करणेणं विसल्ली-करणेणं पावारण कम्माण निग्घायरगट्ठाए ठामि काउस्सग्ग 11
शब्दार्थ तस्स-उसकी, दूषित पात्मा की उत्तरीकरणग-विशेष उत्कृष्टता के लिए पायच्छित-कररोग-प्रायश्चित करने के लिए विसोही-करणेण=विशुद्धि करने के लिए विसल्ली-करणेण-शल्य का त्याग करने के लिए पावारण -पाप कम्मारणं-कर्मों का निग्घायणट्ठाए नाश करने के लिए काउस्सग्ग-कायोत्सर्ग ठामि-करता हूँ