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________________ σ - नमस्कार – सूत्र नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो श्रायरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्वसाहूणं । एसो पंच-नमोक्कारो, सव्व-पाव-प्रणासणो । मंगलारण च सव्वेसि, पढमं हवइ मंगलं ॥ शब्दार्थ नमो-नमस्कार हो अरिहतारण - अरिहन्तो को नमो = नमस्कार हो सिद्धारण = सिद्धो को नमो नमस्कार हो श्रायरियारण = आचार्यों को नमो-नमस्कार हो उवज्झायाण–उपाध्यायो को नमो =नमस्कार हो लोए = लोक मे सव्व = सर्ब साहूण = साधु को एसो = यह पच = पाचो को किया हुआ नमोक्कारो =नमस्कार सव्वपाव = सब पापो को परासरणी = विनष्ट करनेवाला है च=और सम्बेसि सब मगलाणं = मगलो मे
SR No.010073
Book TitleSamayik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1969
Total Pages343
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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