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कूकरणाली वि. सं. २०३६
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प्रथम संस्करण
శృండassicasaalaata
ఉమ
హా
సముదునిక
परमपूज्य प्रातः स्मरणीय ज्ञानमूत्ति श्री १०८ प्राचार्य ज्ञानसागरजी महाराज के द्वितीय शिष्य तपोनिधि चारित्र-विभूषण श्री १०८ श्री मुनिराज विवेकसागरजी महाराज के संघ सहित कुकरणवाली में ग्यारहवें चातुर्मास सम्पन्न होने के उपलक्ष में स्मृतिस्वरूप दि० जैन समाज कुकरणवाली द्वारा प्रदत्त द्रव्य से प्रकाशित
మదుమత కు తన యమును కు పదియవ మన కషయం మన
SANEERIEF ENTREPRENERPENTREPRE
मुद्र क-श्री बाकलीवाल प्रिंटिंग प्रेस, मदनगंज-किशनगढ़ .
एवं श्री बोर प्रेस, मनिहारों का रास्ता, जयपुर-३