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________________ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी नाथूराम जैन सुपुत्र गजाधरलाल जैन, गांगनी (आगरा) इस परिवार में दो पुरुप वर्ग में तथा तीन बी वर्ग में कुल पाँच सदस्य हैं। एक लड़का तथा दो लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ते है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और व्यापार व्यवसाय करते हैं। नेमीचन्द जैन सुपुत्र गजाधरलाल जैन, गांगनी (आगरा) इस परिवार में दो पुरुष वर्ग में तथा दो स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। एक लड़का और एक लड़की अविवाहित है तथा प्रारंभिक कक्षा में पढते हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते हैं। मुन्शीलाल जैन सुपुत्र पन्नालाल जैन, गांगनी (आगरा) इस परिवार में दो पुरुष वर्ग में तथा एक स्त्री वर्ग में कुल तीन सदस्य हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते है। गाँव-गोहिला (आगरा) गजाधरलाल जैन सुपुत्र झुन्नीलाल जैन, गोहिला (आगरा) इस परिवार में छ पुरुष वर्ग में तथा तीन स्त्री वर्ग में कुल नौ सदस्य हैं। पाँच लड़के तथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्रारम्भिक कक्षाओं में पढते है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और व्यापार व्यवसाय करते हैं। किशोरीलाल जैन सुपुत्र जीवनलाल जैन, गोहिला (आगरा) इस परिवार में दो पुरुष वर्ग में तथा दो स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। एक लड़का तथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्रारम्भिक कक्षाओ में पढ़ते हैं । परिवार प्रमुख एम० ए० तक शिक्षित हैं और सर्विस करते हैं। कुशलपाल जैन सुपुत्र जगनप्रसाद जैन, गोहिला (भागरा) इस परिवार में एक पुरुष वर्ग में तथा तीन स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। दो लड़कियों शिशु अवस्था में है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते हैं। जीवनलाल जैन सुपुत्र श्रीपाल जैन, गोहिला (आगरा) इस परिवार में छ पुरुप वर्ग में तथा पॉच स्त्री वर्ग में कुल ग्यारह सदस्य है। एक लड़का तथा चार लड़को अविवाहित हैं और प्रारम्भिक कक्षाओं में पढ़ते हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते हैं। रामप्रसाद जैन सुपुत्र किशनलाल जैन, गोहिला (आगरा) इस परिवार में चार पुरुष वर्ग में तथा दोस्त्री वर्ग में कुल छ सदस्य हैं। तीन लड़के तथा एक लड़की अविवाहित है और प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते हैं।
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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