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________________ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी श्री महावीरप्रसादजी जैन, अहारन इनके बाबा श्री लालाराम जी जैन ने अपना ग्राम अहारन छोड़कर सहारनपुर में कारबार शुरू किया था | बाबा के साथ उनके पुत्र, अर्थात् महावीर जो के पिता श्री छुट्टनलाल जी भी बाल्यावस्था में थे । छुट्टनलाल जी ने वहीं शिक्षा प्राप्त की और फिर रेलवे सर्विस में गये। कुछ समय बाद स्टेशन मास्टर के पद पर नियुक्त हुए। जिस समय छुट्टनलाल जी पानीपत में थे, उसी समय छुट्टनलाल जी के यहाँ श्री महावीरप्रसाद का जन्म हुआ । शैशवावस्था के बाद आपको शिक्षा का प्रबन्ध हुआ और शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त जलेसर वाले आढ़तिया लाला बाबूरामजी की सुपुत्री श्रीमती मोतीमाला के साथ १७-१-२५ को विवाह बड़े समारोह के साथ सम्पन्न हुआ । इन्होंने भी अपना पुराना पुश्तैनी पेशा अपनाया । अर्थात् २० रु० मासिक वेतन पर रेलवे में कानपुर मे मालबाबू नियुक्त हुए । आपकी रेलवे सर्विस ३०-३-२५ सन् में प्रारम्भ हुई। कुछ समय तक इसी पद पर काम करने के बाद सन् २९ की १ जून को आपकी नियुक्ति रेल के गार्ड पद पर हुई। उस पद के अनुसार इनके वेतन में भी काफी वृद्धि हुई । ५६२ कार्य सन्तोषप्रद होनेके कारण १७-५-३२ को इन्हें ट्रेन कन्ट्रोलर के पद पर नियुक्त किया गया और सन् १९४४ के अप्रैल महीने में आप स्टेशन मास्टर बनाये गये और टूण्डला जंक्शन ( स्टेशन) पर नियुक्ति हुई। तत्पश्चात् शीघ्र ही गजटेड आफिसर ( राजपत्रित अधिकारी ) बनाया गया। चिरकाल तक आप इसी पद पर रहे और वाद में स्टेशन सुपरिटेण्डेण्ट नियुक्त हुए और दिल्ली जक्शन पर नियुक्ति हुई। इस प्रकार रेलवे यातायात की बहुमुखी सेवाऍ करने के उपरान्त आप सन् ६१ में अवकाश प्राप्त हुए । किन्तु १ माह पश्चात् पुनः उसी पद पर सुरक्षा विभाग के आम डेड क्वाटर्स में भेज दिये गये इतनी महती सेवाऍ करने के बाद को उत्तर प्रदेश सरकार के कलकत्ता कार्यालय मैं मुख्य सम्पर्क अधिकारी के पद पर आसीन किए गये और तव से अवत्तक इसी पद के गुरुतर कार्य को बड़ी मुस्तैदी के साथ सँभाले हुए है। यों तो रेलवे के माध्यम से आप सर्वदा ही जनता की सेवा करते आ रहे थे किन्तु इसके अतिरिक्त कुछ विशेष अवसरों पर जनता की विशेष सेवा का समय भी प्राप्त हुआ है । यथा--- १९२६-२७ में बटेश्वर का मेला शिकोहाबाद ( १ ) माघ मेला इलाहाबाद सन् २७-२८ (२) कुम्भ मेला इलाहाबाद सन् ४२ और ५४ (३) कुम्भ मेला सन् १९३८ और १९५० में । सन् १९६० को श्री जगजीवनराम तत्कालीन रेल मंत्री ने आपके कार्यों से प्रसन्न होकर एक चाँदी का पदक तथा ५००) का राष्ट्रीय बचत पत्र आपको प्रदान किया था । आपके तीन पुत्र श्री ईश्वरप्रसाद टिकट कलेक्टर ढूंडला, श्री ओमप्रकाश, सहायक अभियन्ता संचार विभाग उत्तर प्रदेश इलाहाबाद और छोटा पुत्र श्री सुशीलकुमार अभी पढ़ रहा है। बड़े पुत्र का विवाह श्री जग्गीलाल जी बजाज शिकोहाबाद की पुत्री सौ० इन्द्राणी के साथ और
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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