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क् + ऋ (.)= कृ'.. कृपा । ऋण । घृणा । वृथा । तृषा । पितृ । मातृ । जागृति । कृपालु । मृजन । मृणाल ।वृषभ । विकृति। आकृति । नृपति। वृंदावन । कृपानिधान । ऋषभनाथ
हे भगवान्, कृपा कर । ऋण लेना बुरा है। किसी से घृणा मत करो । वृथा बकवाद करना छोड़ो । तृषा लगने पर पानी पीओ, देश और जाति को जागृत करो । नृपति रक्षा करता है.। ऋषभदेव कृपानिधान हैं।, सुन्दर आकृति देखो। वृंदावन मथुरा के पास है। विकृति छोड़ो। यह कैसी मनोहर कृति है।
अभ्यास (६)
मिले हुए अक्षर अक्षर दो प्रकार के होते हैं-(१) पाई (1) चाले और ( २ ) बिना पाई के।
पाई वाले अक्षर--ख, ग, घ, च, ज, ञ, . ण, त, थ, ध, न, प, ब, भ, म,
य, ल, व, श, ष, स, क्ष, त्र, ज्ञ ।