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________________ [१४] अभ्यास (७) अं, अः क+श्रं ( ) = कं क्+अः ( ं)=कः V ( अर्धचन्द्र ( ) अर्थात् श्रधा अनुस्वार । अनुस्वार, अर्धचन्द्र और विसर्ग किसी भी स्वर से मिले हुए व्यंजन या, स्वर के साथ आ सकते हैं । शिक्षक उदाहरण देकर उच्चारण सहित समझा दें । ) हंस | झंडा | संघ | तंग | गंगा । कंघा | पंखा । I संख । चाँद । कहाँ । जहाँ । हँसी । पहुँचा । दुःख । पुनः । अतः । नमः । अंतःकरण । गंभीर । कंजूस | अहिंसा | हिंदी | पंडित । घमंड । बंदर | 1 अड़ंगा | चंदनवाला । वंदे वीरं । संतोषी बनो । निंदा मत करो । आँखों में अंजन और दाँतों में मंजन लगाओ । कंकर मत फेंको। दुखियों के दुःख मिटाओ । कंजम न वनो । पंडित बनकर अहिंसा को फैलाओ | चंदनबालाजी बड़ी सती थीं। चंदर के साथ कलंदर आया । गंदा पानी बुरा होता है | चंदन घिसा जाता है ।
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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