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________________ ( ५६ ) बाल सफेद पड़ जाने पर काला खिजाब करते हैं । यह कितना अज्ञान है ' कुदरत के सिद्धान्तों का भी यह खून करके ये अपने शरीर की शोभा बढ़ाना चाहते हैं । ऐसे अज्ञानी मनुष्य अपनी आत्मा को अजर अमर मानते हैं और चटकीले मटकीले वस्त्राभूषण पहिन कर और अकस्मात् काल के ग्रास बनकर बेचारे दुर्गति में जाते हैं तथा वहां पर अपने पापों के लिए पश्चाताप करते हैं । सादगी ही सच्ची शोभा है कि जो आत्मा का भान कराती है । भरत महाराज यदि गिरी हुई अंगूठी को पीची अंगुली में डाल देते तो उन्हें ऐसा ज्ञान कैसे हो सकता था। इसलिए सादगी ही परम कल्याणकारी है । पाठ ३१- आप बीती (कपिल केवली)। कौशंबी नगरी में कपिल नाम का एक ब्राह्मण का लड़का रहता था । उसके पिता का देहान्त हो गया था । उसकी माता ने उसे श्रावस्ति नगरी में पढ़ने के लिए भेज दिया वहाँ पढ़कर वह होशियार हो गया। एक बार राजा को आशिर्वाद देने के निमित्त जाते हुए सिपाहियों ने उसे प्रातः काल बहुत जल्दी देखा । - उन्होंने उसे चोर समझा और पकड़ लिया। राजा के पास ह चोर रूप में लाया गया। उसने राजा को सब बात
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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