________________
( ८६ ) वनस्पतिकाय--अनार, अगूर, आम अमरूद, सीताफल इत्यादि को सब लोग खाते हैं किन्तु धतूरे तथा थूहर आदि के फलों और कांटों को कोई नहीं खाता।
ईख, तिल, एरंडी, अलसी आदि ही घानी में पीले जाते हैं किन्तु गुवार वगैरह को यह तकलीफ नहीं दी जाती।
सकाय-रेशम के कीड़ों को लोग उबलते हुए पानी में डाल देते हैं। किन्तु अन्य सामान्य कीड़ों को ऐसी यंत्रणा नहीं दी जाती है । तोते और मैना को लोग पीजेर में कैद कर देते हैं लेकिन कौए को कोई नहीं पालता।
धनवान के घर पर चोर और डाकू जाते है उनका धन लूटते हैं और धन न देने पर जान से भी मार डालते हैं लेकिन गरीब के घर पर कोई चोर नहीं जाता जिधर भी दृष्टि डालते हैं उधर धनवान को दुखी पाते हैं। जो निधन हैं वो सुखी हैं।
हाल में जो साधु साध्वियों की संख्या हैं उनमें करोड़ लिखपति अथवा हजार पतियोंने दीक्षा ली हो ऐसे
ने हैं ? तथा सामान्य स्थिती में से दिक्षित हुए हुए कितने हैं ? इसकी गिनती कीजिएगा। इस पर से सिंद्ध होगा कि गरीवी तो अमीरी है और अमीरी गरीबी है यही कारण है कि गरीव होने का नियाणा प्रभू के समकसरण में कई मुनीराजों ने किया था (श्री दशा श्रुत