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गहरा गडा हुआ देखकर हाथ ऑफिस में रिपोर्ट करता है कि मेरे से यह नहीं निकल सक्ता है तब वहां से मुई
और चिमटा लाने के लिये पैर को आजा होती है. पैर विचारा सख्त बीमार होते हुए भी लंगडते २ जाकर अपने स्वामी की आज्ञा का पालन करता है. इस प्रकार की इस शरीर रूपी मकान में विचित्र व्यवस्था है. ऐसी व्यवस्था विश्व के करोडो कुशल कारीगर भी नहीं कर सक्ते हैं.
पाठक वृंद ! जिस मकान में आप निवास करते है उसकी व्यवस्था कितनी विचित्र है. आंस की दो खिडकियां कितनी जबरदस्त हैं. लाख मूर्य होने पर भी विना आंख के कुछ काम नहीं चल सकता. लाखों सूर्य से भी विशेष मूल्यवान ये दो आंखें हैं. इनका मूल्य कितना होना चाहिये उमका आप खुद ही विचार करें. दो आंखों की खिडकियो की अपेक्षा मुनन की कान की खिडकियां अनंत गुणी विशेप मूल्यवान है. एकेक इंद्री इतनी मूल्यवान है तो सब इंद्रियों और तमाम शरीर का मूल्य पाठक स्वय विचार.
शरीर रूपी मकान की छत सिर के ऊपर की खोपडी है. छत की रक्षा के लिये उनके ऊपर कम रूपी करेलू छापे गये है. इस प्रकार की दम दारीर स्पी मकान की रचना है. इसका मूल्य अनंत है ऐसे विचित्र नस्तान को खरीदने के लिये. पिच पाठक मुंद ! आपने कितने