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* ॐ अहं * आत्म-बोध
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मनुष्य जन्म का महत्व आत्म बंधुओ! ' । यह दुर्लभ नरभव आपको मिला है। अतएव नरभव क्या है ? क्योंकर मिला है ? किस लिये मिला है ? इस से क्या करना चाहिये ? और आप कर क्या रहे हैं ? इसका परिणाम क्या होगा ? इत्यादि वातों का चितवन एवं मनन करने की अत्यंत आवश्यकता है। ___ इस लेखक के पास जयपुर के एक जौहरीजी हीरे, मोती, माणिक, नीलम आदि बहुमूल्य जवाहरात लेकर आये थे। उनमें से एक एक नग की कीमत पच्चीस और पचास हजार की उन्होंने बतलाई थी। कीमत सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ। मैंने जौहरीजी से पूछा "भाई ! इसमें पचास हजार का क्या है ? मैं तो इसे पांच पैसे का भी नहीं समझता?" उत्तर में जौहरीजी ने कहा कि महाराज श्री को जवाहरात की परीक्षा कहां हैं ? जौहरीजी की तरह ही लेखक इस नरभव को जितना मूल्यवान