________________
*
ॐ
अहं *
आत्म-बोध
''+ 9
मनुष्य जन्म का महत्व आत्म बंधुओ!
यह दुर्लभ नरभव आपको मिला है। अतएव नरभव क्या है ? क्योकर मिला है ? किस लिये मिला है ? इस से क्या करना चाहिये ? और आप कर क्या रहे हैं ? इसका परिणाम क्या होगा? इत्यादि बातों का चितवन एवं मनन करने की अत्यंत आवश्यकता है ।
इस लेखक के पास जयपुर के एक जोहरीजी हीरे, गोती, माणिक, नीलम आदि बहुमूल्य जवाहरात लेकर आये थे। उनमें से एक एक नग की कीमत पच्चीस और पचास हजार की उन्होंने बतलाई थी। कीमत मुनकर मुो गाय दुना। मने जौहरीजी से पूछा "भाइ ! इनमें पनाम हजार का क्या हे ? में तो इसे पांच पने का भी नहीं समतता?" उचर में जौहरीजी ने कहा कि महारानीजमानात की परीक्षा कहां है ? जोहरीसीसीतर ही लेस इस नरभव तो जिनना मूल्यवान