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दूसरा भाग
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अल्प आरम्भ व महा आरम्भ १-हाथ मे अग्नि लेने वाले को कौनसा कर्म ? और हीरा लेने वाले को कौनसा कर्म ?
२-वेदनीय कर्म बडा व मोहनीय कर्म ?
३–वेदनीय कर्म के क्षय के लिये कोशिश करते हो या मोहनीय के लिए?
४-वेदनीय से डरते हो उतने क्या मोहनीय से डरते हो ५-रेशम पहनने वाला दुखी या जलता वस्त्र पहने वाला ?
६-काटे पर सोने वाला दु.खी या रेशम की गद्दी पर सोने चाला दुखी ?
७- स्त्री से मोह करने वाला दु.खो या अग्नि में गिरने वाला ?
८~मोती का हार पहनने वाला पापी या फूल का हार ?
-~मोती कैसे बनते हैं और फूल कैसे बनते हैं ? १०-फूल सुघने वाला पापी या तम्बाकू सूधने गला ?
११-अपने हाथ से खेती करके रूई निपजा के कपड़े तैयार करने वाला पापी या चर्वी के कपडे वाला ?
१२-हजार कोस बैल गाड़ी से यात्रा करने में अधिक पाप या एक मील भर मोटर या रेल से यात्रा करने में ?
१३-घर के सैंकडों दीपक जलाने वाला पापी या एक बिजली का दीपक जलाने वाला ?
१४-तीन सौ साठ दिन यतनापूर्वक रसोई बनाने में अधिक पाप या एक दिन अज्ञानी नौकर नौकरनी से ?